कन्कशन सब्टीट्यूट: पुणे में मैच हारते ही इंग्लैंड ने भारत पर लगाया बेईमानी के आरोप

31 जनवरी की रात पुणे में भारत ने 15 रन से मैदान मारते हुए पांच मैच की टी-20 सीरीज में 3-1 की अजेय लीड बना ली। सीरीज हारते ही इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने बखेड़ा शुरू कर दिया है। टीम इंडिया पर बेईमानी के आरोप लगाए जा रहे हैं। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने कन्कशन सब्टीट्यूट को लेकर सवाल खड़े किए। बाद में इंग्लैंड के एक और पूर्व खिलाड़ियों ने भी बयान दिए। अब क्रिकेट वर्ल्ड दो हिस्सों में बंट चुका है।
हर्षित राणा बने शिवम दुबे के कन्कशन सब्टीट्यूट
दरअसल, पहली पारी में बल्लेबाजी के दौरान एक शॉर्ट बॉल शिवम दुबे के हेलमेट में जा लगी, जिसके बाद दूसरी पारी में वह गेंदबाजी के लिए नहीं उतरे और बतौर कन्कशन सब्टीट्यूट शिवम दुबे की जगह भारतीय टीम ने हर्षित राणा की मदद ली। राणा इस मैच में 12वें खिलाड़ी थे, लेकिन नियमों के चलते आनन-फानन में एक पारी के बाद उनका टी-20 डेब्यू करवा दिया गया।
सरप्राइज डेब्यू में हर्षित राणा ने झटके 3 विकेट
कप्तान सूर्यकुमार यादव ने हर्षित राणा को 12वें ओवर में पहली बार गेंद थमाई। 182 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही इंग्लिश टीम का स्कोर तब 94/3 था। राणा ने आते ही इंग्लैंड की बखिया उधेड़ दी। अपने पहले वनडे इंटरनेशनल में चार ओवर की गेंदबाजी से 33 रन देकर तीन विकेट झटके। खतरनाक लियाम लिविंगस्टोन (13 गेंद में 9 रन), जैकब बैथल (9 गेंद में 6 रन), जैमी ओवरटन (15 गेंद में 19 रन) राणा का शिकार बने।
कन्कशन सब्टीट्यूट पर क्यों छिड़ा विवाद?
जोस बटलर, केविन पीटरसन सरीखे दिग्गजों का मानना है कि स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज किसी ऑलराउंडर का कन्कशन सब्टीट्यूट कैसे हो सकता है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी ICC के अनुसार जब कोई खिलाड़ी मैदान पर चोटिल हो जाता है तो बतौर कन्कशन सब्टीट्यूट लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट को ही मैदान में उतारा जा सकता है।
जरा नियमों के बारे में समझते हैं
आईसीसी नियम के क्लॉज 1.2.7.3.4 में कहा गया है कि बल्लेबाज का कन्कशन रिप्लेसमेंट बल्लेबाज, गेंदबाज का गेंदबाज और ऑलराउंडर का ऑलराउंडर ही होना चाहिए। नियमानुसार जब किसी प्लेयर को सिर या गर्दन के आसपास चोट लग जाए तभी मैच रेफरी कन्कशन रिप्लेसमेंट की मंजूरी दे सकता है। ये रिप्लेसमेंट मेडिकल टीम की जांच के बाद ही होता है। यदि कोई टीम कन्कशन के लिए रिप्लेसमेंट चाहती है तो उसे मैच रेफरी से मंजूरी लेनी होती है। हर्षा भोगले ने इस मामले में अपनी राय रखते हुए कहा कि शिवम दुबे जैसे बल्लेबाजी ऑलराउंडर के लिए रमनदीप सिंह सटीक विकल्प होते।
हर्षित के खेलने पर बवाल क्यों?
दरअसल चौथे टी20 मुकाबले में भारतीय ऑलराउंडर शिवम दुबे के हेलमेट पर एक गेंद लग गई, जिसके बाद हर्षित राणा को बतौर कन्कशन सब्स्टीट्यूट मैदान पर उतारा गया। हर्षित ने इस मैच में तीन विकेट लेकर टीम इंडिया को जिता भी दिया और तभी से इस बात पर जमकर बवाल मचने लगा कि हर्षित शिवम दुबे के एक लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट नहीं हैं।
-Legend News