
फर्रुखाबाद
विकासखंड शमशाबाद
क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में आवारा गोवंशों का भ्रमण जारी उधर बर्बादी के दौर से गुजर रहे गरीब किसानों ने अफसोस जताते हुए कहा भविष्य में खुशहाली का सपना देखने वाले गरीब किसान आखिर कैसे मनाएंगे इस बार रंगों का पर्व होली का त्यौहार
इसे गरीब किसानों का दुर्भाग्य कहें तो ज्यादा बेहतर होगा क्योंकि शमशाबाद क्षेत्र में एक लंबे समय से आवारा गोवंशों की बढ़ती तादात गरीब किसानों के लिए सर दर्द का कारण बनी हुई है। फसलों के नाम पर हजारों खर्च करने वाले किसान आजकल बर्बादी के दौर से गुजर रहे है क्योंकि इस क्षेत्र में एक लंबे समय से दर्जनों की संख्या में आवारा गोवंश भ्रमण करते हुए देखे जा रहे हैं किसानों का कहना है वर्तमान में उनके खेतों में जहां एक ओर गेहूं की फसल तैयार हो रही है बही दूसरी और मक्के की फसल तैयार हो रही इसके साथ ही कुछ किसान गन्ने की फसल भी तैयार कर रहे है अधिकांश किसान साग सब्जियो की फसलों को तैयार किया जा रहा ऐसे में आवारा गोवंशों की संख्या गरीब किसानों की बर्बादी का कारण बनी हुई है किसानों के अनुसार फसलों को बचाने के लिए किसानों को दिन-रात जागकर रखवाली करनी पड़ रही फिर भी कहीं ना कहीं आवारा गोवंशों का दल खेतो में घुस कर फसलों को बर्बाद कर रहे है। ऐसे कई किसान है जिनके खेतों में आवारा गोवंशों द्वारा फसलों को बर्बाद किया गया किसानों ने बताया आजकल जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत करना भी गुनाह है क्योंकि शिकायतों के बावजूद भी समस्याओं का समाधान नहीं होता बताते हैं विकासखंड शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम बेला सराय गजा फरीदपुर मंगलीपुर अज़ीज़ाबाद पहाड़पुर बैरागढ़ सहित आधा दर्जन से अधिक गांव जहां दर्जनों की संख्या में खूंखार गोबंशो को विचरण करते हुए देखा जा रहा आवारा गोवंशों का दल जहां किसानों के खेतों में बर्बादी का कारण बना हुआ है वहीं गांव की गलियों में आम जनमानस यहां तक ग्रामीणों के बच्चे भी दहशत के सहारे से जूझ रहे हैं ग्रामीण किसानों की माने तो इस क्षेत्र में आवारा गोवंशों के हमले में न जाने कितने ग्रामीण किसान घायल हो चुके के अलावा कई लोग तो स्वर्गवासी भी हो चुके हैं इतना सब कुछ होने के बाद भी प्रशासन खामोशी की चादर ओढ़ कुंभ करणी नींद सोया हुआ है कुछ किसानों ने बताया क्षेत्र में बढ़ रही आवारा गोवंशों की संख्या तथा बर्बाद हो रही फसलों को देखते हुए ग्रामीण किसानों द्वारा प्रशासनिक स्तर पर पकड़वाकर गौशालाओं में छुड़वाया जाने की मांग की जा चुकी। अफसोस गरीब किसानों की आवाज आजकल नक्कारखाने में तूती की आवाज साबित हो रही उन्होंने यह भी बताया क्षेत्र में गोवंश संरक्षण के लिए प्रशासनिक स्तर पर हजारों लाखों रुपए खर्च कर गौशालाओं का निर्माण कराया गया फिर भी दर्जनों की संख्या क्षेत्र में आवारा गोवंश भ्रमण कर रहे हैं जो गरीब किसानों के लिए एक चिंता का विषय है बर्मन में किसानों के खेतों में गेहूं मक्का चरी के अलावा गन्ने की फसल तैयार हो रही के अलावा और भी तमाम साग सब्जियां तैयार की जा रही किसानों को अफसोस फसलों के नाम पर हजारों लाखों रुपए खर्च किए गए मगर भ्रमणकारी आवारा गोवंश मेहनत पर पानी फेर रहे।