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सनसनीखेज रिपोर्ट: किसी युद्ध के लिए फिट नहीं है चीन की सेना, व्‍यापक भ्रष्टाचार भी बड़ी बाधा

चीन को दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में गिना माना जाता है, जिसके पास मजबूत आर्मी और आधुनिक हथियार हैं। चीन की आर्मी के बारे में इस धारणा को एक नई रिपोर्ट ने चुनौती दी है,

चीन को दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में गिना माना जाता है, जिसके पास मजबूत आर्मी और आधुनिक हथियार हैं। चीन की आर्मी के बारे में इस धारणा को एक नई रिपोर्ट ने चुनौती दी है, जो कहती है कि चीनी आर्मी तो युद्ध लड़ने के लिए तैयार ही नहीं है। अमेरिकी थिंक टैंक RAND Corp की रिपोर्ट का दावा है कि चीनी की सत्ताधारी पार्टी सरकार बने रहने के लिए फौज को बेहतर कर रही है ना कि सेना को युद्ध के लिए तैयार कर रही है। ऐसे में मौका आने पर युद्ध के मैदान में चीनी फौज को मुश्किल हो सकती है।
सीएनएन के मुताबिक अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट कहती है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के (CCP) सेना को मजबूत तो करने का मकसद सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखना है, ना कि किसी बाहरी दुश्मन से लड़ना। रिपोर्ट के लेखक टिमोथी हीथ का तर्क है कि चीनी सेना (PLA) का ध्यान शी जिनपिंग और CCP शासन को बनाए रखने पर है। चीन का सैन्य आधुनिकीकरण ही CCP शासन की अपील और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए बनाया गया है।
राजनीति पर ज्यादा ध्यान
रिपोर्ट में कहा गया है कि PLA अपने प्रशिक्षण समय का 40 फीसदी तक राजनीतिक विषयों पर खर्च करता है। हीथ कहते हैं, ‘इस समय का उपयोग युद्ध में महारत हासिल करने में किया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं है। इससे सवाल उठता है कि PLA आधुनिक युद्ध के लिए कितना तैयार है। PLA यूनिट के नेतृत्व में भी राजनीतिक लोग शामिल होते हैं, जो युद्ध क्षमता के बजाय पार्टी के प्रति वफादारी पर जोर देते हैं।’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच पारंपरिक युद्ध की संभावना बहुत कम है। पेंटागन के योजनाकारों को मिसाइलों और बमों से परे चीनी खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हालांकि कुछ विशेषज्ञ रिपोर्ट के निष्कर्षों से असहमत हैं। उनका कहना है कि शी जिनपिंग ने अपना शीर्ष सैन्य लक्ष्य स्पष्ट कर दिया है। ये लक्ष्य ताइवान पर कब्जे का है और चीनी ऐसा करने के लिए तैयार है।
आधुनिक हथियारों पर भी सवाल
हीथ ने चीन के आधुनिक होते हथियारों के जखीरे पर भी सवाल किए हैं। उनकी रिपोर्ट में लिखा है कि इतिहास ने बार-बार दिखाया है कि सेनाएं अक्सर युद्ध में अपने उन्नत हथियारों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में फेल होती हैं। रिपोर्ट में यूक्रेन में युद्ध का उदाहरण दिया गया है, जहां एक बेहतर हथियारों से लैस सेना जीत हासिल करने में विफल रही है। हीथ का कहना है कि चीन की सेना युद्ध में अपने आधुनिक हथियारों के इस्तेमाल में सफल रहेगी, इस पर संदेह है।
चीनी सेना सैनिकों की कमी और भ्रष्टाचार से भी जूझ रही है। हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीनी सेना और सरकार के वरिष्ठ स्तरों के भीतर व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान शी जिनपिंग के रक्षा निर्माण में बाधा डाल रहा है। इसने सेना की परिचालन क्षमता के लिए बड़ा जोखिम पैदा किया है। इस पर भी हीथ ने ध्यान दिलाया है।

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